The Bundi City's Most Visited Place (Bhimlat Mahadev Temple & Waterfall)

Bhimlat Mahadev Temple & Waterfall

Bhimlat Mahadev
राजस्थान का नाम आते ही जहन में रेगिस्तान की कल्पना मन में हिलोरे मारने लगती है, लेकिन ऐसा नहीं है। राजस्थान में बहुत ही खूबसूरत और रमणीक स्थल भी जहां आपके मन का सकून मिलेगा। ऐसी ही जगह है भीमतल।
Bhimlat waterfall
भीमतल राजस्थान के बूंदी जिले में बिजौलिया मार्ग पर स्थित है। यहां पर प्राचीन भीमतल महादेव का मंदिर है। यह मंदिर जमीन से कुछ नीचे स्थित और वहां तक सीढ़ियों से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर की खासियत यहां अनवरत रूप से शिव का अभिषेक होना है।

Top View of waterfall

बूंदी का भीमलत महादेव स्थल पर्यटकों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसकी सुंदरता को और निखारने के लिए यहां कई सारे विकास कार्य किए गए हैं जिससे इसकी आभा और बढ़ गई है। साथ ही यहां सुरक्षा के भी विशेष बंदोबस्त किए हैं।
Bhimlat Mahadev
एक पौराणिक कथा से पता चलता हैं कि महाभारत काल के दौरान महाराज पांडू के पांचो पुत्र और उनकी माता कुंती जब वनवास काल के दौरान यहां आये थे तब महावली भीम ने अपने भाइयों और माता की प्यास भुझाने के लिए इस स्थान का निर्माण किया था। महावली भीम पवन देव के पुत्र थे और उन्होंने एक लात (पैर) इस स्थान पर जोर से मारी जिससे यह स्थान एक गहरी खाई के रूप में तब्दील हो गया था।
Bhimlat Mahadev
बाद में भीमलत वॉटरफॉल के बारे में कुछ शोध के आंकड़े सामने आएं जिनसे यह पता चलता हैं कि यह स्थान 8वी शताब्दी में यहां आये भूकंप से निर्मित हुआ हैं। सत्य जो भी हों  लेकिन यह स्थान राजस्थान के पर्यटक स्थलों में से एक हैं और राज्यस्थान की कीर्ति में अपना भी योगदान देता हैं।

Waterfall

Evening View Bhimlat Mahadev water fall

भीमलत के ऊपरी हिस्से का नजारा बेहद खूबसूरत नजर आने लगा है। वहीं मुख्य द्वार के यहां पुरानी क्षतिग्रस्त धर्मशाला को हटाकर वहां पर वाटर फॉल व्यू प्वॉइंट बनाया है। चारों तरफ रैलिंग लगाकर लोगों के बैठने के लिए बैंच स्थापित की है। यहां से गिरते झरने का नजारा देखते ही बनता है।
इसके अलावा जगह-जगह पर पर्यावरण संरक्षण व वन्य जीवों के महत्व को दर्शाने वाले बोर्ड लगाए हैं। जो आमजन को पर्यावरण व वन्य जीवों के प्रति जिम्मेदार होने का संदेश दे रहा है।
बरसात के मौसम में  भीमलत महादेव स्थल पर्यटकों व आमजन के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। यहां की सुंदरता हर किसी को आकर्षित करेगी। पर्यटन विकास के तहत यहां चल रहे विकास कार्यों से भीमलत का रूप निखर गया। सुंदरता के साथ-साथ सुरक्षा के भी विशेष बंदोबस्त किए हैं।
Bhimlat Mahadev
प्राप्त जानकारी के अनुसार भीमलत जल प्रपात के बाहर चोरों तरफ रेलिंग लगाकर उसमें आमजन के प्रवेश को रोका है। झरने के ऊपरी हिस्से पर जहां से पानी नीचे गिरता है वहां भी चारों तरफ रैलिंग लगा दी गई, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। सीढिय़ों पर पुरानी लोहे की रैलिंग को हटाकर नई रैलिंग लगा दी गई।वहीं सीढिय़ों के रास्ते में पर्यटकों के बैठने के लिए पर्याप्त बैंच लगाई है। मंदिर परिसर में भी बैंच स्थापित की है।

Best Time To Visit Bhimlat Water Falls In:-

यदि आप राजस्थान के भीमलत जलप्रपात घूमने जाने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि भीमलत जलप्रपात घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का माना जाता हैं। क्योंकि बारिश के मौसम में इस झरने का अवतार देखने योग्य होता हैं। जब 60 मीटर की ऊंचाई से इसका पानी जोरदार कोलाहल के साथ नीचे कुण्ड में गिरता हैं।
भीमलत जलप्रपात घूमने जाने का सबसे अच्छा समय जून से अक्टूबर के बीच है, जब मानसून रहता है।

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