The Baran City's Most Visited Place (Sorsan Brahmani Mataji Temple)

Brahmani Mata ji Temple

Brahmani Mata ji

बारां भारतीय राज्य राजस्थान के बारां जिले का एक शहर है।  यह एक नगर पालिका है और बारां जिले का जिला मुख्यालय है, जो रामगढ़ गड्ढा के किनारे ११ वीं शताब्दी के भांड देव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।  यह राज्य की राजधानी जयपुर से कोटा शहर के पास 339 किमी की दूरी पर स्थित है। जिले से होकर बहने वाली बड़ी नदियाँ परबन, पारबती, कालीसिंध।

राम मेहता, बारां: जिले के अंता के पास सोरसन ब्रह्माणी माता का मंदिर है. खास बात ये है कि इस मंदिर में माता की पीठ की पूजा होती है. यहां आने वाले दर्शनार्थी पीठ के दर्शन करते हैं. यहां देवी की पीठ का ही श्रृंगार होता है और भोग भी पीठ को ही लगाया जाता है.

राजस्थान में यूं तो कई तीर्थ स्थान हैं, लेकिन सोरसन का तीर्थ स्थल खास है. यहां देवी के पृष्ठ भाग यानी पीठ की पूजा-अर्चना होती है. बारां से 30 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक सोरसन का ब्रह्माणी माता का मंदिर इन दिनों काफी चर्चा में है. इसी मंदिर के पास सोरसन गोडावण अभयारण्य क्षेत्र होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है.

ब्राह्मणी माता मंदिर बारां का इतिहास –

प्राचीन काल में ब्राह्मणी माता मंदिर या सोरसन माता जी मंदिर में मुख्य रूप से ब्राम्हण परिवार द्वारा पूजा –आर्चना की जाती थी। और इसके अलावा आपको बता दे ब्राह्मणी माता मंदिर में एक विशेष तेल का दीपक 400 साल से निर्बाध रूप से जल रहा है।
700 साल पुराना है माता का मंदिर
ब्रह्माणी माता का मंदिर करीब 700 साल पुराना बताया जाता है. यह मंदिर चारों ओर ऊंचे परकोटे से घिरा हुआ है. खास बात ये भी है, कि इस मंदिर में 400 सालों से अखंड ज्योति जल रही है. ब्रह्माणी माता के प्रति इस अंचल में लोगों की गहरी आस्था है. लोग यहां आकर मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर कोई पालना चढ़ाता है तो कोई छत्र चढ़ाता है या कोई और वस्तु मंदिर में भेंट करता है.

सोरसन ब्रह्माणी माता के मंदिर पर साल में एक बार गर्दभ मेले का आयोजन होता है. इस मेले में पहले कई राज्यों से गधों की खरीद-फरोख्त होती थी. अब बदलते समय के साथ-साथ यहां लगने वाले गर्दभ मेले में गधों की कम और घोड़ों की ज्यादा खरीद-फरोख्त होने लगी है.

वहीं ऐतिहासिक स्थल होने के बावजूद इसकी देख-रेख नहीं की जा रही है. मंदिर के पास स्थित कुंड वीरान पड़ा रहता है. यहां आकर पिकनिक मनाने वाले पर्यटकों के लिए भी कोई खास इंतजाम नहीं हैं. इस स्थान पर बहने वाले झरने में बारिश के दिनों में पर्यटकों की जमकर भीड़ रहती है. ऐसे में पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. मंदिर के पास ही एक तालाब स्थित है. उसमें बोटिंग की व्यवस्था करके इस स्थान को पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बनाया जा सकता है लेकिन लंबे समय से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बारां के ब्राह्मणी माता मंदिर के दर्शन की जानकारी –

ब्राह्मणी माता मंदिर का इतिहास लगभग 800 साल पुराना माना जाता है।  प्राचीन काल में ब्राह्मणी माता मंदिर या सोरसन माता जी मंदिर में मुख्य रूप से ब्राम्हण परिवार द्वारा पूजा –आर्चना की जाती थी। और इसके अलावा आपको बता दे ब्राह्मणी माता मंदिर में एक विशेष तेल का दीपक 400 साल से निर्बाध रूप से जल रहा है।

ब्राह्मणी माता मंदिर बारां घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –

अगर आप बारां में ब्राह्मणी माता मंदिर की यात्रा के बारे में विचार कर रहे हैं तो हम आपको बता दें की ब्राह्मणी माता मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का समय होता है। क्योंकि सर्दियों का मौसम बारां की यात्रा करना एक अनुकूल समय होता है, और इस समय आप शिव रात्रि के खास मौके पर आयोजित होने वाले मेले में शामिल हो सकतें हैं। और आपको बता दे मार्च से शुरू होने वाली ग्रीष्मकाल के दौरान बारां की यात्रा से बचें क्योंकि इस समय बारां राजस्थान का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। जो आपकी बारां की यात्रा को हतोत्साहित कर सकता है।

Photos:-
Brahmani Mata ji

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